*"सबकी नज़रों में सुनहरी भोर होनी चाहिए,*
*रोज कोशिश रोशनी की ओर होनी चाहिए,*
*आसमां जा कर पतंगें भूल जाती हैं जमीं को,*
*आपके हाथों में उनकी डोर होनी चाहिए।,*
*ज्ञान गीता का भले काम आएगा संग्राम में,*
*कृष्ण की नज़रें मगर चितचोर होनी चाहिए,*
*तोड़ सकता है अदब सौ मुश्किलों के भी कवच,*
*हर कलम पैनी नुकीली कठोर होनी चाहिए"*
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